वन्य जीवों का अंगीकरण
प्राणि उधान में वर्तमान में लगभग 1300 से अधिक वन्य जीव रखे गये हैं जिनमें मुख्यत: बब्बर शेर, हिप्पो, गैण्डा, तेन्दुआ, वनमानुष, चिम्पाजी, हिमालयन काला भालू व विभिन्न हिरण प्रजाति में बारासिंघा, मणिपुरी हिरन, चौसिंघा व काला हिरण आदि हैं। प्रतिवर्ष विभिन्न वन्य जीवों के भोजन, आवास ,चिकित्सा एवं जन सुविधाओं के रख रखाव पर लगभग रू0 1.00 करोड का व्यय सम्भावित है। जिसकी पूर्ति शासन के माध्यम से प्राप्त होने वाले बजट से सम्भव नहीं हो पा रहा है।
अत: कानपुर के आम नागरिकोंउधोगपतियोंबैकोंसंस्थाओं से यह अनुरोध करना है कि कानपुर प्राणि उधान को सुसजिजत करने, वन्य प्राणियों को स्वस्थ्य, पर्याप्त पुष्टाहार उपलब्ध कराने पर्यटकों हेतु आवश्यक सुविधाऐं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न वन्य जीवकार्यो को अंगीकृत किया जाये जिससे वे स्वयं पर्यावरण के निकट एवं वन्य जीवों के संरक्षण में सहभागिता निभा सकें।
वन्य जीव को अगींकृत करने की प्रकि्रया-
1. किसी भी व्यकित अथवा संस्था जो वन्य जीवों को अंगीकृत करना चाहते है एक प्रार्थना पत्र अंगीकृतगोद लिए जाने वाले वन्य जीव का नाम सूचित करते हुए निदेशक कानपुर प्राणि उधान, को दिया जा सकता है।
2. जिसके क्रम में निदेशक कानपुर प्राणि उधान के स्तर से अमुक वन्य जीव पर एक वर्ष में भोजनरख रखाव पर होने वाले व्यय का आगणित धनराशि सूचित किया जायेगी।
3. अंगीकरण करने वाले व्यकित्त द्वारा धनराशि ''सदस्य सचिव, सारस संरक्षण समिति लखनऊ के नाम से चेकबैंक ड्राफट के रूप में निदेशक कानपुर प्राणि उधान को प्रस्तुत करना होगा।
4. जिसकी प्रापित रशीद निदेशक कानपुर प्राणि उधान द्वारा सम्बनिधत संस्थाव्यकित को उपलब्ध करार्इ जायेगी। सारस संरक्ष्ण समिति को दिया गया धनराशि पर नियमानुसार आयकर अधिनियम 80ळ के अन्तर्गत कर में छुट प्राप्त है।
5. जिन वन्य जीवों का अब तक नाम करण नहीं हुआ है उन वन्य जीवों को कम से कम तीन वर्षो तक अंगीकृत करते हुए व्यकित अथवा संस्था द्वारा नामकरण किया जा सकता है।
अंगीकृत करने वाले व्यकितसंस्था को दी जाने वाली सुविधाएं-
1. अंगीकरण किये व्यकित अथवा संस्था का नाम एवं अंगीकरण अवधि दर्शाते हुए एक पटिटका सम्बनिधत वन्य जीव बाडे के पास लगार्इ जायेगीं।
2. अंगीकृत वन्य जीवों को दिये जाने वाले भोजनरख रखाव के सम्बन्ध में अंगीकर्ता समय समय पर निरीक्षण भी कर सकता है।
आपके सुलभ संदर्भ हेतु विभिन्न वन्य प्राणियों पर होने वाले वार्षिक आगणित व्यय की सूची संलग्न की जा रही है। अंगीकरण वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा अवधि के लिए किया जा सकता है।